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सेंट्रल विस्टा परियोजना मामले में याचिकाकर्ताओं पर 1 लाख का जुर्माना लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील
याचिकाकर्ताओं अन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले (31 मई) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है, जिसमें सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने से इनकार कर दिया गया था और याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इस आधार पर याचिका को प्रेरित बताया गया था और इसमें सच्चाई नहीं थी।
याचिकाकर्ता अन्या मल्होत्रा और सोहेल हाशमी को दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण में एक लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के इस निर्णय से सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक मुद्दों से संबंधित वास्तविक मुद्दों को उठाने वाले उत्साही व्यक्तियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने साइट पर निर्माण कार्य के बारे में पता चलने के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा जागरूकता फैलाने के इरादे से याचिका दायर की। चूंकि यह कोविड 19 का संभावित प्रसारक हो सकता है और स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन के लिए जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए हमने नेक इरादे से याचिका दायर की। लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच - चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह परियोजना राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है और इसे रोका नहीं जा सकता।
लेखक: पपीहा घोषाल