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कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ एक और याचिका

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कुंडापुरा स्थित भंडारकर कॉलेज ऑफ आर्ट एंड साइंस में बीबीए कर रहे दो मुस्लिम छात्रों ने कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक और याचिका दायर की है।

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि कॉलेज में आने के बाद से ही वे अपनी यूनिफॉर्म के ऊपर सिर पर स्कार्फ़ बांधते आ रहे हैं। उन्हें बताया गया कि सरकार ने सिर पर स्कार्फ़ बांधने के खिलाफ़ आदेश जारी किया है। कॉलेज की नियम पुस्तिका में मुस्लिम छात्रों को सिर पर स्कार्फ़ बांधने की अनुमति देने का प्रावधान है। उन्होंने दावा किया कि 3 फरवरी 2022 को कॉलेज के प्रिंसिपल और स्टाफ़ ने याचिकाकर्ताओं को कॉलेज में प्रवेश करने और कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी।

कुछ छात्रों के अभिभावकों द्वारा पूछे जाने पर प्रिंसिपल ने कहा कि उन पर हलाडी श्रीनिवास शेट्टी (स्थानीय विधायक) का राजनीतिक दबाव था, जिनके आदेश पर कॉलेज को यह काम करना पड़ा।

इसके बाद से हर दिन मुस्लिम छात्रों को कॉलेज में प्रवेश से वंचित किया जा रहा है। इसके अलावा, कॉलेज ने छात्रों को कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोकने के लिए कॉलेज में स्थानीय पुलिस की तैनाती कर दी है।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि सिर पर स्कार्फ़ बांधने के कारण मुस्लिम छात्रों को बाहर निकालना उनके शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन है। सिर पर स्कार्फ़ बांधना उनकी धार्मिक संस्कृति का एक अनिवार्य अभ्यास है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 (धर्म की स्वतंत्रता) के तहत संरक्षित है।

याचिकाकर्ताओं ने अंततः न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित से अंतरिम राहत मांगी, क्योंकि इससे उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।


लेखक: पपीहा घोषाल