
जमानत नियम है और जेल अपवाद
20 फरवरी 2021
न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने जीएसटी चोरी के मामले में शामिल एक आरोपी को नियमित जमानत दे दी। न्यायालय ने "सभी को जेल में रखने" की मांग की निंदा करते हुए कहा कि हर कोई चाहता है कि हर कोई जेल में रहे। इस देश में आपराधिक न्यायशास्त्र को बदलने की जरूरत है।
अदालत ने पहले उल्लेख किया कि इस मामले में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि 21 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी जो भारत के लोगों के थे। आरोपी को न केवल जमानत का विरोध किया गया बल्कि उसे अधिकतम 15 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भी रखा गया, पुलिस फिर भी उसे जेल में रखना चाहती थी। पीठ ने ASG से कहा कि जीएसटी चोरी के मामले में किसी को जेल में क्यों रखा जाना चाहिए, अगर अधिकांश सबूत दस्तावेजी होंगे - जमानत नियम है और जेल अपवाद है, हमें अपने न्यायशास्त्र को फिर से सही करना चाहिए।
लेखक- पपीहा घोषाल