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बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक वर्षीय बच्चे को उसकी जैविक मां से खरीदने की आरोपी महिला को जमानत दी

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मामला : अश्विनी बाबर बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य

एक साल के बच्चे को उसकी जैविक माँ से खरीदने के आरोप में एक महिला को हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। महिला को पैसे की ज़रूरत थी क्योंकि उसका पति जेल में था। न्यायमूर्ति एस.एम. मोदक ने निराशा व्यक्त की कि 21वीं सदी में भी लड़कियों को वित्तीय लाभ कमाने के लिए वस्तु की तरह माना जा रहा है।

हालांकि जज ने माना कि बच्चे की बिक्री जैविक मां के पति के जेल में होने और उन्हें पैसे की जरूरत होने के कारण हुई थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बिक्री अवैध थी। बिक्री के बाद, जैविक मां ने खरीदार को ऋण चुकाया और अपने बच्चे को वापस करने का अनुरोध किया। हालांकि, खरीदार और उसके पति ने बच्चे को वापस करने से इनकार कर दिया, जिसके कारण उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।

दम्पति पर मानव तस्करी के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 370, बच्चों की बिक्री या अधिग्रहण पर रोक लगाने के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 81, तथा बिना लाइसेंस के धन उधार देने का व्यवसाय चलाने के लिए महाराष्ट्र धन उधार (विनियमन) अधिनियम, 2014 की धारा 39 के तहत आरोप दर्ज किए गए।

मामले के एक आरोपी आवेदक ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की।

अदालत ने यह ध्यान में रखते हुए जमानत मंजूर की कि आवेदक दो बच्चों की मां है।