समाचार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीरभूम हिंसा मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के नेता भादू शेख की हत्या का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। पीठ ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला शुरू किया, जिसमें उक्त हत्या के प्रतिशोध में आठ लोगों की हत्या कर दी गई थी।
पीठ ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को ढूंढने का उद्देश्य तभी पूरा हो सकेगा जब हत्या और उसके बाद हुई घटना की जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी।
आवेदकों ने दलील दी कि चूंकि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं, इसलिए जांच सीबीआई को ही करनी चाहिए। इसके अलावा, जांच एजेंसी भादू शेख मामले में मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, एडवोकेट जनरल (एजी) एसएन मुखर्जी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने शेख की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपने के बारे में कोई प्रार्थना नहीं की। इसके अलावा, क्या ऐसा कोई आरोप नहीं है कि मौजूदा जांच अनुचित तरीके से की जा रही है।
न्यायालय ने कहा कि दस घरों में आग लगाना कोई अलग-थलग या स्वतंत्र घटना नहीं थी, बल्कि यह भादू शेख की हत्या का सीधा नतीजा थी। पीठ ने यह भी ध्यान में रखा कि ये घटनाएं एक-दूसरे से लगभग दो घंटे के अंतराल पर हुईं। इसलिए, मामले को सीबीआई को सौंपने की प्रार्थना स्वीकार की गई। पीठ ने राज्य पुलिस को तुरंत जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया।
पीठ ने न्यायालय के पिछले आदेश के मद्देनजर सीबीआई द्वारा दायर रिपोर्ट को भी रिकॉर्ड में लिया। रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया यह सुझाव दिया गया है कि यह घटना भादू शेख की हत्या का जवाबी विस्फोट था, रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि यह घटना गांव के दो समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता का परिणाम थी।