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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुबह 3 बजे तक शराब परोसने वाले रेस्तरां और बार के कामकाज में हस्तक्षेप पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
मामला: नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं अन्य बनाम पुलिस कमिश्नर एवं अन्य
न्यायालय : न्याय दिल्ली उच्च न्यायालय के यशवंत वर्मा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में दिल्ली सरकार से एक याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसमें 2021-2022 की नई आबकारी नीति के अनुसार सरकारी अधिकारियों द्वारा सुबह 3 बजे तक शराब परोसने वाले रेस्तरां और बार के कामकाज में हस्तक्षेप करने पर आपत्ति जताई गई है।
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के अनुसार, बार को सुबह 3 बजे तक संचालित करने की अनुमति है, जबकि रेस्तरां को केवल 1 बजे तक संचालित करने की अनुमति है।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नई आबकारी नीति ने दिल्ली के सभी होटलों, रेस्तराओं और क्लबों को सुबह 3 बजे तक शराब परोसने की अनुमति दी है, ताकि व्यापार संचालन को सुचारू बनाया जा सके और दिल्ली के बार को पड़ोसी शहरों के बराबर लाया जा सके, जिससे कुल आबकारी राजस्व में वृद्धि हो सके। नीति की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने और दिल्ली आबकारी विभाग को बेतुका शुल्क देने के बावजूद, प्रतिष्ठानों को अपने आउटलेट खोलने और संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई।
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने उन्हें परेशान किया तथा अपने कर्तव्यों का पालन करने के बजाय उनके वास्तविक कार्यों, जीवनयापन और आजीविका में बाधा डाली।
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से पेश हुए विनय कुमार गर्ग ने दलील दी कि यह नीति उन रेस्टोरेंट पर लागू नहीं होती जो अलग बार के बिना शराब परोसते हैं। याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे रात 1 बजे के बाद कोई भी खाना न परोसने का वचन देने को तैयार हैं, बशर्ते कि रेस्टोरेंट और क्लबों को सुबह 3 बजे तक शराब परोसने की अनुमति हो।
याचिका में सभी होटलों, रेस्तरां और क्लबों को कानून के अनुसार तथा बिना किसी हस्तक्षेप या उपद्रव के संचालित करने की अनुमति देने के लिए सामान्य निर्देश देने की मांग की गई है।