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एल्गार परिषद मामला - 84 साल की उम्र में स्टेन स्वामी का निधन, वकील ने न्यायिक जांच की मांग की
बॉम्बे हाईकोर्ट की एक बेंच ने 80 वर्षीय कार्यकर्ता और भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी फादर स्टेन स्वामी के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की। बॉम्बे बेंच को स्टेन स्वामी द्वारा दायर जमानत याचिका की तत्काल सुनवाई के दौरान होली फैमिली अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ इयान डिसूजा ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में जानकारी दी।
स्वामी की ओर से पेश हुए वकील मिहिर देसाई ने विशेष एनआईए अदालत द्वारा पारित आदेश को चुनौती देते हुए अस्थायी जमानत की अर्जी दायर की।
3 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वामी के बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें 6 जुलाई (जमानत याचिका पर सुनवाई) तक अस्पताल में भर्ती रहने का निर्देश दिया था।
पीठ ने अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा , "पूरी विनम्रता के साथ, हमें यह सुनकर दुख हुआ। हमें यह जानकर दुख हुआ कि अस्पताल के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, फादर स्टेन को बचाया नहीं जा सका। यह चौंकाने वाली खबर है, और हमारे पास अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।"
इससे पहले स्वामी ने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया था और अपनी जमानत की मांग की थी। हालांकि, अधिवक्ता मिहिर देसाई की काउंसलिंग के बाद स्वामी होली फैमिली अस्पताल में भर्ती होने के लिए राजी हो गए। अधिवक्ता देसाई ने कहा कि वह न्यायालय और अस्पताल द्वारा उन्हें सर्वश्रेष्ठ उपचार प्रदान करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं, लेकिन चिकित्सा देखभाल से इनकार करने के लिए एनआईए और तलोजा जेल के लिए समान दृष्टिकोण नहीं रखते हैं। उन्होंने स्वामी की गिरफ्तारी और मृत्यु की न्यायिक जांच की भी मांग की।
लेखक: पपीहा घोषाल