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किशोर न्याय बोर्ड ने एसिड अटैक मामले में शामिल किशोर को जमानत देने से किया इनकार

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CORAM: प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट तौसीफ अहमद माग्रे और सदस्य खैर-उल-निसा और डॉ. असीमा हसन

धारा 326 ए : एसिड हमले के लिए सजा (भारतीय दंड संहिता की)

धारा 120बी : आपराधिक षडयंत्र

किशोर न्याय बोर्ड ("जेजेबी"), श्रीनगर ने श्रीनगर एसिड अटैक मामले में कथित रूप से शामिल 8वीं कक्षा के एक छात्र की जमानत याचिका खारिज कर दी। फरवरी 2022 में एक महिला के चेहरे पर कथित रूप से तेजाब फेंकने के आरोप में युवक समेत तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया था।

अभियोजक के अनुसार, तीन युवकों ने श्रीनगर के पुराने शहर में 24 वर्षीय महिला पर तेजाब फेंका जिससे उसका चेहरा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जमानत याचिका उस युवक ने दायर की थी जिस पर आईपीसी की धारा 326ए और 120बी के तहत अपराध का आरोप लगाया गया था।

जेजेबी ने प्रोबेशन अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि कानून से संघर्षरत बच्चे (सीआईसीएल) को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो अन्य अपराधी सीआईसीएल से संपर्क करते हैं और उसे अधिक खतरनाक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल करते हैं। तदनुसार, जेजेबी ने जमानत याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और आदेश दिया कि उसे श्रीनगर के हरवान स्थित ऑब्जर्वेशन होम में रखा जाना जारी रहेगा।

जेजेबी ने कहा कि उसे उच्चतम स्तर के सुधार की आवश्यकता है ताकि उसे यह समझ में आ सके कि समाज के मानदंडों और देश के कानूनों का पालन किया जाना चाहिए।