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विधि विद्यालय और विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित करेंगे-बीसीआई

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अधिसूचित किया है कि सभी विधि विद्यालयों और विश्वविद्यालयों द्वारा अंतिम सत्र की परीक्षा अनिवार्य रूप से आयोजित की जानी चाहिए। विश्वविद्यालय यह तय करने के लिए स्वतंत्र हैं कि परीक्षा किस माध्यम से आयोजित की जाएगी।
न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की उच्च स्तरीय समिति ने सिफारिश की कि छात्रों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए नियमित परीक्षाओं और बैकलॉग परीक्षाओं के बीच पर्याप्त समय अंतराल रखा जाए।
पृष्ठभूमि
बीसीआई ने परीक्षा के बारे में कॉलेजों और छात्रों से सैकड़ों-हजारों पत्र प्राप्त करने के बाद एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। उच्च स्तरीय समिति ने इस मुद्दे पर विस्तार से विचार करके रिपोर्ट प्रस्तुत की, ताकि बीसीआई अंतिम निर्णय ले सके और आवश्यकता पड़ने पर इसे माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सके।
लेखक – पपीहा घोषाल