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मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को तीसरे लिंग समुदाय को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया

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मद्रास उच्च न्यायालय ने ग्रेस बानू बनाम तमिलनाडु राज्य के मामले में याचिका की एक प्रति महाधिवक्ता को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और सरकार को तीसरे लिंग समुदाय को नकद सहायता के आकलन के लिए संपर्क करने का भी निर्देश दिया।

पृष्ठभूमि

याचिका तीसरे लिंग समुदाय के प्रतिनिधि द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके समुदाय के अधिकांश सदस्य बिना राशन कार्ड के हैं। इसलिए, उन्हें सरकारी दुकानों से राशन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। यह जनहित याचिका भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत प्रतिवादियों को निर्देश देने के लिए परमादेश रिट जारी करने के लिए दायर की गई थी।

अंतिम परिणाम

अदालत को इस याचिका पर पारित पिछले आदेश के संबंध में राज्य सरकार द्वारा पारित उपायों की सूची के बारे में सूचित किया गया।

  1. सरकार ने तृतीय लिंग समुदाय सहित सभी चावल धारकों को कोविड नकद राहत की अनुमति दी।
  2. सरकार ने तीसरे लिंग समुदाय के लिए भी 2000 रुपये देने का निर्णय लिया है, यहां तक कि उन लोगों के लिए भी जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।

अदालत ने सरकार को यह भी सलाह दी कि राज्य सरकार तीसरे लिंग समुदाय को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण उपलब्ध कराएगी।

लेखक: पपीहा घोषाल