Talk to a lawyer @499

समाचार

कोई भी व्यक्ति इसलिए नहीं मर रहा है क्योंकि उसके पास विवाह प्रमाणपत्र नहीं है - केंद्र

Feature Image for the blog - कोई भी व्यक्ति इसलिए नहीं मर रहा है क्योंकि उसके पास विवाह प्रमाणपत्र नहीं है - केंद्र

27 मई 2021

राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति अमित बंसल की दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ने हाल ही में विभिन्न अधिनियमों के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने और कानून बनाने से संबंधित तीन याचिकाओं पर सुनवाई 6 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिकाओं की तत्काल सुनवाई का विरोध करते हुए पीठ से मामले की सुनवाई न करने का आग्रह किया। कोविड-19 की गंभीर स्थिति के दौरान ये मामले तत्काल सुनवाई के योग्य नहीं थे।

याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने आग्रह किया कि मामले की सुनवाई होनी चाहिए और समुदाय को अस्पताल में प्रवेश पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जिस पर एसजी मेहता ने जवाब दिया, " लोगों को अस्पताल में प्रवेश पाने के लिए विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है; कोई भी व्यक्ति इसलिए नहीं मर रहा है क्योंकि उसके पास विवाह प्रमाण पत्र नहीं है"।

पहली याचिका में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 का हवाला दिया गया था। दूसरी याचिका में विशेष विवाह अधिनियम और विदेशी विवाह अधिनियम के तहत मान्यता मांगी गई थी। तीसरी याचिका अमेरिका में शादी करने वाले दो पुरुषों द्वारा दायर की गई थी, जिसमें विदेशी विवाह अधिनियम के तहत अपने विवाह के पंजीकरण और स्वीकृति की मांग की गई थी।

लेखक - पपीहा घोषाल