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पीसी जॉर्ज को 26 मई तक अंतरिम राहत दी गई - केरल हाईकोर्ट
न्यायालय: केरल उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी.
मामला: पीसी जॉर्ज बनाम केरल राज्य
वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज को हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। उन पर सार्वजनिक मंच पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करने का मामला दर्ज है ।
शनिवार, 21 मई को केरल की एक जिला अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। पीसी जॉर्ज ने ऐसी सुरक्षा की मांग करते हुए केरल हाईकोर्ट का रुख किया। अदालत ने जॉर्ज को 26 मई तक इस शर्त पर सुरक्षा दी कि वह मीडिया या सार्वजनिक रूप से कोई सांप्रदायिक बयान नहीं देंगे। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत दिए जाने से अभियोजन पक्ष के उस अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा जिसके तहत वह मजिस्ट्रेट द्वारा एक अलग लेकिन समान मामले में पीसी जॉर्ज को दी गई जमानत को रद्द करने के लिए याचिका दायर कर सकता है।
तथ्य
सांप्रदायिक आधार पर भाषण देने के आरोप में पीसी जॉर्ज के खिलाफ 10 दिनों के भीतर दो मामले दर्ज किए गए हैं।
1 मई को जॉर्ज को 29 अप्रैल को अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन में दिए गए भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ उनके द्वारा दिए गए कुछ अपमानजनक बयानों पर आपत्ति जताते हुए कई शिकायतें मिलीं। उन पर फिर से आईपीसी की धारा 153ए और 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया। हालांकि, तिरुवनंतपुरम में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने उन्हें उसी दिन जमानत दे दी।
10 मई को पलारीवट्टोम पुलिस ने 8 मई को वेन्नाला (एक मंदिर) में सांप्रदायिक टिप्पणी देने के लिए उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।
विभिन्न मंचों पर प्रसारित भाषण में जॉर्ज ने मुसलमानों को कथित रूप से अपमानजनक तरीके से संबोधित किया, जिसमें "लव जिहाद" का संकेत भी शामिल था। उन पर भारतीय दंड संहिता के तहत धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए जानबूझकर काम करने का आरोप लगाया गया है।
आयोजित
हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए स्पष्ट किया कि जॉर्ज सार्वजनिक रूप से कोई सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं करेंगे।