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महाराष्ट्र में एक समान परीक्षा पैटर्न की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर

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मामला : बालूशा भसाल और अन्य। बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य।

बेंच :   न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव और न्यायमूर्ति अभय आहूजा।

एक कानून के छात्र ने महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षाओं में एकरूपता और समय पर परिणाम घोषित करने की मांग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

प्रथम वर्ष की विधि छात्रा बालूशा ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ मिलकर याचिका दायर की, जिसके पास 10 अन्य छात्रों ने संपर्क किया था। याचिका में याचिकाकर्ता ने शिकायत की है कि विभिन्न विश्वविद्यालय अलग-अलग पैटर्न और समय-सारिणी के साथ अपनी परीक्षाएँ आयोजित करते हैं। वर्ष 2022 के लिए परीक्षा पर विचार किया जा रहा है।

सभी गैर-कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक में एक समान परीक्षाएं आयोजित करने तथा उन्हें ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक पेपर के बीच दो दिन का अंतराल रखा जाएगा। बैठक की कार्यवाही भी प्रसारित किये गये।

याचिकाकर्ताओं की शिकायत यह थी कि सभी विश्वविद्यालय मिनटों के निर्णयों का पालन नहीं कर रहे थे। हर विश्वविद्यालय अपने स्वयं के शैक्षणिक कैलेंडर का पालन कर रहा था। उन्होंने दो पेपरों के बीच दो दिनों के अंतराल पर भी आपत्ति जताई क्योंकि इससे परीक्षाओं की प्रक्रिया लंबी हो जाती है।

याचिकाकर्ताओं ने पूरे महाराष्ट्र में शैक्षणिक कैलेंडर के लिए एक समान पैटर्न की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया कि परिणाम कम से कम समय में घोषित किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक कैलेंडर में उल्लिखित समय सीमाएँ न छूटें।