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सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमए को कोविड-19 पीड़ितों को मुआवजे के संबंध में छह सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पर राष्ट्रीय आपदा पीड़ितों के लिए न्यूनतम अनुग्रह राशि की सिफारिश करने का वैधानिक दायित्व डालती है।
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कि धारा 12 अनिवार्य नहीं है, कहा कि धारा 12 में 'करेगा' शब्द का इस्तेमाल किया गया है और इसलिए यह अनिवार्य है। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि वह सरकार को पीड़ितों को एक निश्चित राशि देने का निर्देश नहीं दे सकता, क्योंकि राशि तय करना सरकार का काम है।
जस्टिस अशोक भूषण और एमआर शाह की पीठ एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार को कोविड-19 के कारण या कोविड-19 की जटिलता के कारण मरने वाले पीड़ितों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कोविड-19 के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की सरल प्रक्रिया के लिए भी राहत मांगी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने राष्ट्रीय प्राधिकरण को छह सप्ताह के भीतर कोविड-19 पीड़ितों को अनुग्रह राशि प्रदान करने के संबंध में दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया। हालांकि, बेंच ने कोविड-19 पीड़ितों के लिए 4 लाख रुपये के मुआवजे की दलील का विरोध किया और माना कि अनुग्रह राशि देने से सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा।
लेखक: पपीहा घोषाल