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एनआई अधिनियम की धारा 138 को अभियुक्त व्यक्ति की सुविधानुसार स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।

केस: एस नलिनी जयंती बनाम एम. रामसुब्बा रेड्डी
न्यायालय: एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय एस ओकेए
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत शिकायत को आरोपी व्यक्ति की सुविधानुसार स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
एकल न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में, याचिकाकर्ता एक वरिष्ठ नागरिक महिला होने के नाते संबंधित ट्रायल कोर्ट से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग कर सकती है।
सर्वोच्च न्यायालय एस नलिनी जयंती की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एनआई अधिनियम की शिकायत की धारा 138 को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि ट्रायल जज को याचिकाकर्ता की छूट के आवेदन पर सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए। न्यायालय ने आगे कहा कि ट्रायल जज याचिकाकर्ता को तभी पेश होने को कहेंगे जब उसकी उपस्थिति ट्रायल के लिए निर्विवाद रूप से अनिवार्य हो।
इन टिप्पणियों के कारण याचिका खारिज कर दी गई।