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शरजील इमाम ने विशेष अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार करने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की
बेंच : जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर
जेएनयू के छात्र शरजील इमाम ने विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें विशेष अदालत ने दिल्ली दंगा मामले में उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था।
11 अप्रैल, 2022 को कड़कड़डूम कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इमाम की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्हें दंगे भड़काने की साजिश का हिस्सा माना गया था। इमाम ने अधिवक्ता अहमद इब्राहिम, तालिब मुस्तफा और कार्तिक वेणु के माध्यम से अपील दायर की, जिन्होंने तर्क दिया कि विशेष अदालत विफल रही यह समझना महत्वपूर्ण है कि आरोप पत्र में ऐसी घटनाओं का उल्लेख किया गया है, जिनसे पता चलता है कि अपीलकर्ता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिंसा से जुड़ा नहीं था।
उन्होंने आगे कहा कि इमाम को एक लक्षित अभियान के तहत गिरफ्तार किया गया था ताकि उसके खिलाफ एक ही समय में कई एफआईआर और जांच हो सके। दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही इमाम की एक और जमानत याचिका पर विचार कर लिया है।
पृष्ठभूमि
इमाम दिसंबर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया और जनवरी 2020 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के बारे में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए जमानत मांग रहे हैं। उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन पर यूएपीए और देशद्रोह के आरोप लगाए गए।