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दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना सूचना दिए दिल्ली से दो लोगों को गिरफ्तार करने पर यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के शामली पुलिस स्टेशन के प्रभारी को एक ऐसे व्यक्ति से संबंधित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने पर कड़ी फटकार लगाई, जिसने एक महिला से उसके परिवार की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया था।
कोर्ट ने एसएचओ की आलोचना की, जब उसे बताया गया कि यूपी पुलिस ने महिला की उम्र का उचित सत्यापन किए बिना ही दोनों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार, महिला की उम्र 21 वर्ष पाई गई। कोर्ट ने पूछा, महिला की उम्र का सत्यापन क्यों नहीं किया गया? केवल महिला के परिवार के सदस्यों के बयान के आधार पर पुरुषों को ले जाया गया?
कोर्ट ने टिप्पणी की, "क्या वो बालिक है? जो आपने किया वो 100% अवैध है, पढ़ें 21 साल लिखा है।"
अगस्त 2021 में शामली पुलिस ने महिला के परिवार की शिकायत के बाद दो लोगों को गिरफ़्तार किया था। इससे पहले कोर्ट ने यूपी पुलिस को नोटिस जारी किया था। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी पुलिस ने दिल्ली से दो लोगों की गिरफ़्तारी के बारे में दिल्ली पुलिस को सूचित नहीं किया।
पूछताछ करने पर एसएचओ ने जवाब दिया कि दोनों लोगों को दिल्ली में गिरफ्तार नहीं किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को चेतावनी दी। "हम सीसीटीवी की जांच करेंगे कि उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था या नहीं। इसके बाद मैं विभागीय जांच का आदेश दूंगा।"
कोर्ट ने आगे टिप्पणी की, "यहां दिल्ली में नहीं चलेगा।"
अदालत ने एसएचओ को निर्देश दिया कि वह महिला की उम्र संबंधी बयान दर्ज करें और उसे स्थानीय उत्तर प्रदेश अदालत में पेश करें ताकि दोनों व्यक्तियों को जमानत दी जा सके।
लेखक: पपीहा घोषाल