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सूचना मंत्रालय ने दर्शकों के लिए तीन स्तरीय शिकायत तंत्र स्थापित करने हेतु केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 में संशोधन किया है।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 में संशोधन किया है, ताकि दर्शकों की शिकायत निवारण के लिए तीन-स्तरीय तंत्र उपलब्ध कराया जा सके। अब दर्शकों को विज्ञापन संहिता या कार्यक्रम संहिता के उल्लंघन में टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित किसी भी सामग्री से संबंधित शिकायत निवारण का लाभ मिलेगा।
प्रसारण सामग्री के विनियमन हेतु वर्तमान नियमों में निम्नलिखित प्रावधान हैं:


1. स्तर 1: प्रसारणकर्ता द्वारा स्व-नियमन -

किसी भी चैनल पर किसी कार्यक्रम की विषय-वस्तु से व्यथित कोई भी दर्शक अपनी शिकायत लिखित रूप में प्रसारक को दर्ज करा सकता है। प्रसारक को 24 घंटे के भीतर शिकायत की पावती जारी करनी होगी और 15 दिनों के भीतर शिकायत का निपटारा करना होगा। प्रत्येक प्रसारक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह शिकायत निवारण तंत्र बनाए और शिकायतों से निपटने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करे।


2. स्तर 2: प्रसारणकर्ता के स्व-नियामक निकायों द्वारा स्व-नियमन -
यदि शिकायतकर्ता परिणाम से संतुष्ट नहीं है या यदि शिकायत का समाधान नहीं होता है, तो शिकायतकर्ता 15 दिनों के भीतर स्व-नियामक निकाय में अपील दायर कर सकता है, जिसका प्रसारक सदस्य है। संबंधित निकाय को 60 दिनों के भीतर अपील का निपटारा करना चाहिए। स्व-नियामक निकाय में कम से कम 40 प्रसारक होने चाहिए और 30 दिनों के भीतर केंद्र सरकार के साथ खुद को पंजीकृत करना चाहिए।
स्व-नियामक निकाय का नेतृत्व सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा।
न्यायालय के न्यायाधीश या मीडिया, बाल अधिकार के क्षेत्र से कोई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति,
मनोरंजन आदि। निकाय में उल्लिखित क्षेत्रों के छह स्वतंत्र विशेषज्ञ भी होंगे।


3. स्तर 3: निरीक्षण तंत्र:

अंत में, यदि शिकायतकर्ता परिणाम से संतुष्ट नहीं है, तो वह निगरानी तंत्र के तहत केंद्र सरकार के समक्ष 15 दिनों के भीतर अपील दायर कर सकता है।
यदि प्रसारणकर्ता स्व-नियामक प्राधिकरण के दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहता है
प्राधिकरण द्वारा मामले की सुनवाई 15 दिनों के भीतर निरीक्षण तंत्र द्वारा की जाएगी।