Talk to a lawyer @499

समाचार

सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट प्रशांत भूषण का 2009 का अवमानना मामला बंद कर दिया

यह लेख इन भाषाओं में भी उपलब्ध है: English | मराठी

Feature Image for the blog - सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट प्रशांत भूषण का 2009 का अवमानना मामला बंद कर दिया

पीठ: न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश

शीर्ष अदालत ने हाल ही में अधिवक्ता प्रशांत भूषण और तहलका के संस्थापक तरुण तेजपाल द्वारा पीठ के समक्ष माफी/स्पष्टीकरण दिए जाने के कारण उनके खिलाफ 2009 के न्यायालय की अवमानना का मामला बंद कर दिया।

पीठ ने कहा कि "माफी मांगे जाने के बाद, हम मामले को आगे जारी रखना आवश्यक नहीं समझते।"

भूषण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा,

क्या माफ़ी मांगने के बाद भी इस मामले को जारी रखना समझदारी होगी? इसमें कई मुश्किलें आएंगी।

न्यायालय ने भी यही तर्क स्वीकार कर लिया।

पृष्ठभूमि

भूषण ने 2009 में तहलका पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि पिछले सोलह मुख्य न्यायाधीशों में से आठ भ्रष्ट थे। अवमानना का मामला दायर होने के बाद, भूषण के पिता, वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय को भ्रष्ट मुख्य न्यायाधीशों की एक सीलबंद सूची सौंपी।

2009 में शुरू होने के बाद, 2012 में मामले को स्थगित कर दिया गया था। 2020 में जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले को फिर से शुरू किया। दुर्भाग्य से, सुनवाई शुरू होने से पहले ही जस्टिस मिश्रा सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद मामला आज सूचीबद्ध हुआ।