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शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच के लिए न्यायिक समिति गठित की

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हाल ही में, शीर्ष न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए 5 सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन करने का आदेश दिया। इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा करेंगी। अन्य सदस्यों में एनआईए के पुलिस महानिदेशक (डीजी) होंगे, जो महानिरीक्षक स्तर से नीचे नहीं होंगे; चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक; पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक समन्वयक होंगे।

समिति सुरक्षा उल्लंघन के कारणों की जांच करेगी तथा प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों का सुझाव देगी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने कथित सुरक्षा उल्लंघन की न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उपरोक्त आदेश पारित किया। 10 जनवरी को खंडपीठ ने पहले ही सूचित कर दिया था कि एक समिति मामले की जांच करेगी। हालांकि, न्यायिक समिति के सदस्यों की पुष्टि अभी बाकी है।

पृष्ठभूमि

5 जनवरी को नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनका काफिला बीस मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा। आरोप है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सड़क जाम कर दी थी, जिसके बाद उनकी गाड़ी को रोका गया। भारतीय जनता पार्टी ने सुरक्षा चूक के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

इसके बाद लॉयर्स वॉयस नामक संगठन ने याचिका दायर कर पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निलंबित करने की मांग की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मामले का संज्ञान लेने की भी मांग की।


लेखक: पपीहा घोषाल