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नकली दवा बनाने और बेचने के आरोप में दो लोग गिरफ्तार, एक पुणे का निवासी
पिछले डेढ़ साल से नकली कोविड दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स बनाने और बेचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फर्जी कंपनी की डीलरशिप भी पुणे में थी। यह घोटाला तब सामने आया जब विवेक खेडकर ने हिमाचल प्रदेश के एक गांव में मैक्स लाइफ हेल्थकेयर नाम की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी खोलने वाले सुदीप मुखर्जी के खिलाफ विश्रांबाग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मुखर्जी के खिलाफ नकली दवाइयां बेचने और बनाने के दो मामले दर्ज होने के बाद एफडीए ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। नकली दवाइयां गाजियाबाद में बनाई और पैक की गईं और 14 राज्यों में बेची गईं। ये दवाइयां फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी दी गईं। एफडीए ने इन दवाओं की जांच के बाद खुलासा किया कि इनमें जीरो पर्सेंट कंटेंट है।
एफडीए ने सदाशिव पेठ में उमेद फार्मा सेल्स के मालिक प्रभाकर नामदेव पाटिल को भी गिरफ्तार किया है, जिसे फर्जी कंपनी की डीलरशिप दूसरे मेडिकल स्टोर्स को बेचने के लिए दी गई थी। पुलिस ने उसकी दुकान से 15 लाख की दवाइयां जब्त की हैं।
एफडीए ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति फर्जी कंपनी चला रहा है और नकली दवाइयां दे रहा है। सूचना के आधार पर उन्होंने बाजार से दवाइयां एकत्र कीं और जांच की। एफडीए ने आगे कहा कि यह पूरे देश में एक बड़ा रैकेट है।
लेखक: पपीहा घोषाल