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'क्या ट्विटर इंडिया सामग्री को नियंत्रित करने में सक्षम है?'--कर्नाटक हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस से पूछा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गाजियाबाद हमले की एफआईआर के संबंध में जांच के लिए ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी की उपस्थिति पर जोर देने के लिए यूपी पुलिस को फटकार लगाई।
कोर्ट ने इस बात पर गौर किया और पूछा कि वीडियो ट्विटर प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया था; हालांकि, ट्विटर इंडिया का इस घटना से कोई संबंध नहीं हो सकता है। जस्टिस जी नरेंद्र ने पूछा, "क्या ट्विटर इंडिया कंटेंट को नियंत्रित करने में सक्षम है? क्या ट्विटर इंडिया कंटेंट को हटाने में सक्षम है? ट्विटर इंडिया के खिलाफ आपके क्या आरोप हैं? आईटी नियम यहां न लाएं, और यह यहां लागू नहीं है। क्या आप कभी ट्विटर इंडिया के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बना पाए हैं? क्या ट्विटर इंडिया मध्यस्थ होने का दावा करता है? यहां तक कि बुनियादी तथ्य भी नहीं बताए गए हैं।"
ट्विटर इंडिया के एमडी की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि माहेश्वरी सिर्फ एक कर्मचारी थे और उनका वीडियो से कोई लेना-देना नहीं था। दूसरी ओर, यूपी पुलिस ने दावा किया कि एमडी के खिलाफ केवल प्रतिनिधि क्षमता में नोटिस जारी किया गया था। वे केवल ट्विटर इंडिया के प्रमुख की पहचान करना चाहते हैं और इसलिए उन्हें याचिकाकर्ता के सहयोग की आवश्यकता है।
न्यायालय ने क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर भी सवाल उठाया, क्योंकि घटना उत्तर प्रदेश में हुई थी। न्यायालय महेश्वरी की रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें जांच के लिए उपस्थित होने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी गई थी।
लेखक: पपीहा घोषाल