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विधवा को पुनर्विवाह के बाद भी मुआवजा पाने का अधिकार

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9 अप्रैल 2021

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले की पुष्टि की जिसमें मोटर दुर्घटना में पति की मौत के लिए मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) के तहत मुआवज़ा मांगने के विधवा के अधिकार को उसके पुनर्विवाह पर समाप्त या समाप्त नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने विधवा के ससुराल वालों द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर एसएलपी को खारिज कर दिया।

ससुराल वालों/याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि पुनर्विवाह के बाद विधवा को मुआवज़ा पाने का अधिकार नहीं है। पुनर्विवाह के बाद विधवा को मृतक पर आश्रित नहीं माना जा सकता। MACT के तहत मुआवज़े का मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति की मृत्यु पर आय की हानि के लिए है, लेकिन इस मामले में, आय की कोई हानि नहीं हुई, क्योंकि निर्भरता नए पति पर स्थानांतरित हो गई है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, " इस मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए, हम इस मामले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। तदनुसार विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है ।"

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी: चाय बिस्केट