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यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कोविड-19 टीकाकरण को घर-घर पहुंचाने के निर्देश देने की मांग करते हुए याचिका दायर की
10 मई 2021
सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें समाज के कमजोर वर्ग जैसे बुजुर्ग, दिव्यांग और अन्य जो वैक्सीन के लिए कोविन के माध्यम से अपना नाम पंजीकृत करने में असमर्थ हैं, को घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण उपलब्ध कराने के निर्देश देने की मांग की गई थी।
यूथ बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से एडवोकेट मंजू जेटली ने याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कमजोर समूहों को मदद मिलेगी बल्कि टीकाकरण केंद्र पर पहुंचने के बाद संक्रमित होने का जोखिम भी कम होगा। भारत एक कल्याणकारी राज्य है और उसे अपने नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और उसी के अनुसार काम करना चाहिए। कोविड 19 वैक्सीन एक जीवन रक्षक दवा है और इसे आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल किया जाना चाहिए। पूरे भारत को हमारे समाज के दबे-कुचले तबके के लिए 24/7 टोल-फ्री पोर्ट बनाने और संचालित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए, जो विभिन्न कारणों से टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित कमजोर लोगों के लिए मोबाइल वैन, वाहन और वैक्सीन बूथ की भी अनुमति दी जा सकती है।
याचिका में घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान को तत्काल प्रभाव से शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने और चौबीसों घंटे चलने वाले पोर्टल स्थापित करने की मांग की गई है, जिसके माध्यम से लोग अपना पंजीकरण करा सकें।
लेखक - पपीहा घोषाल