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केरल उच्च न्यायालय के समक्ष काले जादू जैसी अंधविश्वासी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने की मांग वाली याचिका।
मामला : केरल युक्ति वादी संघोम बनाम भारत संघ और अन्य
केरल युक्ति वादी संघोम ने केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर राज्य सरकार को काले जादू जैसी अंधविश्वासी प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने का निर्देश देने की मांग की ।
याचिका में जादू-टोना सहित अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले टीवी निर्माताओं और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) शो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
यह याचिका केरल में हाल ही में हुई मानव बलि की घटना के बाद दायर की गई थी, जहां दो महिलाओं की हत्या कर दी गई थी और उनके शवों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था।
याचिका में तर्क दिया गया कि राज्य में अंधविश्वास से जुड़े अपराध लगातार होते रहते हैं। उन्होंने 1955 से 2022 तक हुई ऐसी ही घटनाओं की रिपोर्ट पर भी प्रकाश डाला।
याचिका के अनुसार, यद्यपि याचिकाकर्ता संगठन ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से कई बार संपर्क किया, लेकिन इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, तथा कई सामूहिक याचिकाएं दायर की गईं और कानून के लिए मॉडल बिल प्रस्तुत किए गए, जिनमें एक उचित कानून बनाने की मांग की गई। मानव बलि, बुराई और भयावह प्रथाओं से लड़ने और उन्मूलन के लिए कानून।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यद्यपि कुछ विधेयक विधान सभा में पेश किये गये, लेकिन कोई भी कानून नहीं बन सका।
उपरोक्त के आलोक में, याचिका में राज्य सरकार को जादू-टोना, काला जादू, जादू-टोना और अन्य अमानवीय प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है। इसके अलावा, कानून सुधार आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों पर विचार करने और निर्णय लेने के लिए भी कहा गया है। न्यायमूर्ति केटी थॉमस द्वारा केरल अमानवीय दुष्ट प्रथाओं, जादू-टोना और काला जादू उन्मूलन विधेयक, 2019 को अधिनियमित करने के संबंध में प्रस्तुत किया गया।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी।