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वन (संरक्षण) नियम, 1981

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अंतर्वस्तु

अनुभाग

विवरण

खंड 1

संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ.

धारा 2

परिभाषाएँ.

धारा 2ए

समिति की संरचना

धारा 2बी

नियुक्ति की शर्तें

धारा 3

समिति का कार्य संचालन।

धारा 4

राज्य सरकार या उनके प्राधिकरण द्वारा प्रस्ताव बनाने की प्रक्रिया।

धारा 5

केन्द्र सरकार द्वारा प्राप्त प्रस्तावों पर सलाह देने के लिए समिति।

धारा 6

समिति की सलाह पर केन्द्र सरकार की कार्रवाई।

रूप

वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 (1980 का 69) की धारा 4 की उपधारा (i) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात:-

1. संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ -

(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम वन (संरक्षण) नियम, 1981 है।

(2) इनका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर सम्पूर्ण भारत पर होगा।

(3) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

2. परिभाषाएँ -

इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,

(क) "अधिनियम" से वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 (1980 का 69) अभिप्रेत है;

(ख) "समिति" से धारा 3 के अधीन गठित समिति अभिप्रेत है;

(ग) "अध्यक्ष" से समिति का अध्यक्ष अभिप्रेत है;

(घ) "सदस्य" से तात्पर्य समिति के सदस्य से है;

(ई) "धारा" से अधिनियम की धारा अभिप्रेत है।

2ए. समिति की संरचना -

(1) समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे:

(i) वन महानिरीक्षक, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय - अध्यक्ष

(ii) अपर वन महानिरीक्षक, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय - सदस्य

(iii) संयुक्त आयुक्त (मृदा संरक्षण), कृषि मंत्रालय - सदस्य

(iv) तीन प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक (गैर-सरकारी) - सदस्य

(v) वन उप महानिरीक्षक (वन संरक्षण), पर्यावरण एवं वन मंत्रालय: सदस्य-सचिव

(2) अपर वन महानिरीक्षक, वन महानिरीक्षक की अनुपस्थिति में अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे।

2बी. गैर-सरकारी सदस्यों की नियुक्ति की शर्तें निम्नानुसार होंगी:

(i) गैर-सरकारी सदस्य दो वर्ष की अवधि के लिए अपना पद धारण करेगा।

(ii) यदि कोई गैर-सरकारी सदस्य मर जाता है, त्यागपत्र दे देता है, मानसिक रूप से अस्वस्थ हो जाता है, दिवालिया हो जाता है या नैतिक अधमता से संबंधित किसी आपराधिक अपराध के लिए न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया जाता है तो वह अपने पद पर नहीं रह सकेगा।

(iii) उप-नियम (ii) में उल्लिखित किसी भी कारण से सदस्यता में हुई कोई रिक्ति सरकार द्वारा 2 वर्ष की अवधि के शेष भाग के लिए भरी जाएगी।

(iv) समिति के गैर-सरकारी सदस्यों को यात्रा और दैनिक भत्ते, केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाए गए नियमों और आदेशों के अंतर्गत तथा वर्तमान में लागू, समूह 'क' के सरकारी कर्मचारियों को स्वीकार्य उच्चतम दर पर देय होंगे:

बशर्ते कि किसी सदस्य को, जो संसद का सदस्य है या किसी राज्य विधानमंडल का सदस्य है, यात्रा भत्ता और दैनिक भत्ता का भुगतान संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम, 1954 या संबंधित राज्य विधानमंडल के सदस्यों से संबंधित कानून के संबंधित प्रावधानों के अनुसार विनियमित किया जाएगा।

3. समिति के कार्य का संचालन।

(1) अध्यक्ष समिति की बैठक आवश्यकतानुसार बुलाएगा, किन्तु यह बैठक माह में एक बार से कम नहीं होगी।

(2) समिति की बैठकें सामान्यतः नई दिल्ली में आयोजित की जाएंगी। तथापि, ऐसे मामले में जहां अध्यक्ष को यह विश्वास हो कि गैर-वनीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किए जाने के लिए प्रस्तावित वन भूमि के स्थल या स्थलों का निरीक्षण नियम 4 के उप-नियम (1) के अंतर्गत प्राप्त प्रस्ताव या प्रस्तावों पर विचार करने के संबंध में आवश्यक या समीचीन होगा, तो वह निर्देश दे सकता है कि समिति की बैठकें दिल्ली के अलावा किसी अन्य स्थान पर आयोजित की जाएंगी जहां से स्थल या स्थलों का ऐसा निरीक्षण सुविधापूर्वक किया जा सके।

(3) अध्यक्ष समिति की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता करेगा जिसमें वह उपस्थित हो:

परन्तु यदि अध्यक्ष किसी बैठक में अनुपस्थित हो और बैठक स्थगित करना समीचीन न हो तो समिति का वरिष्ठतम सदस्य बैठक की अध्यक्षता करेगा।

(4) प्रत्येक प्रश्न, जिस पर समिति को सलाह देना अपेक्षित है, पर उसकी बैठक में विचार किया जाएगा, परन्तु अत्यावश्यक मामलों में यदि समिति की बैठक एक माह के भीतर नहीं बुलाई जा सकती है, तो अध्यक्ष निदेश दे सकेगा कि आवश्यक कागजात सदस्यों को उनकी राय के लिए नियत तिथि तक भेजे जाएं।

(5) समिति की बैठक के लिए गणपूर्ति तीन सदस्यों से होगी।

4. राज्य सरकार या उसके प्राधिकारी द्वारा प्रस्ताव बनाने की प्रक्रिया।

(1) धारा 2 के अधीन पूर्व अनुमोदन चाहने वाला प्रत्येक राज्य सरकार या अन्य प्राधिकरण इन नियमों से संलग्न प्ररूप में अपना प्रस्ताव केन्द्रीय सरकार को भेजेगा:

बशर्ते कि पुनर्वनीकरण के लिए वन भूमि या उसके किसी भाग में प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों को हटाने से संबंधित सभी प्रस्ताव कार्य योजना/प्रबंधन योजना के रूप में भेजे जाएंगे।

(2) उपनियम (1) में निर्दिष्ट प्रत्येक प्रस्ताव निम्नलिखित पते पर भेजा जाएगा, अर्थात्:

भारत सरकार के सचिव,

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय,

पर्यावरण भवन,

सीजीओ कॉम्प्लेक्स,

लोदी रोड,

नई दिल्ली - 110003

बशर्ते कि बीस हेक्टेयर तक की वन भूमि से संबंधित सभी प्रस्ताव तथा पुनर्वनीकरण के लिए वन भूमि या उसके किसी भाग में प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों को हटाने से संबंधित प्रस्ताव पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य वन संरक्षक/वन संरक्षक को भेजे जाएंगे।

5. केन्द्र सरकार द्वारा प्राप्त प्रस्तावों पर सलाह देने हेतु समिति -

(1) केन्द्रीय सरकार नियम 4 के उपनियम (1) के अधीन प्राप्त प्रत्येक प्रस्ताव को समिति के परामर्श के लिए भेजेगी, यदि सम्मिलित वन भूमि का क्षेत्रफल बीस हेक्टेयर से अधिक है:

बशर्ते कि पुनर्वनीकरण के लिए वन भूमि या उसके किसी भाग में प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों को साफ करने से संबंधित प्रस्ताव समिति को उसकी सलाह के लिए नहीं भेजे जाएंगे।

(2) समिति उपनियम (1) के अधीन उसे भेजे गए प्रस्तावों पर सलाह देते समय निम्नलिखित सभी या किसी भी विषय पर सम्यक् ध्यान रखेगी, अर्थात्:

(क) क्या गैर-वनीय प्रयोजन के लिए उपयोग किए जाने हेतु प्रस्तावित वन भूमि किसी प्रकृति रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभयारण्य, जैवमंडल रिजर्व का भाग है या वनस्पतियों और जीवों की किसी संकटग्रस्त या संकटग्रस्त प्रजाति के आवास का भाग है या गंभीर रूप से अपरदन वाले जलग्रहण क्षेत्र का भाग है;

(ख) क्या किसी वन भूमि का उपयोग कृषि प्रयोजन के लिए है या किसी नदी घाटी या जल विद्युत परियोजना के कारण अपने निवास से विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए है;

(ग) क्या राज्य सरकार या अन्य प्राधिकारी ने यह प्रमाणित किया है कि उसने अन्य सभी विकल्पों पर विचार कर लिया है और परिस्थितियों में कोई अन्य विकल्प व्यवहार्य नहीं है तथा अपेक्षित क्षेत्र, इस प्रयोजन के लिए आवश्यक न्यूनतम क्षेत्र है; और

(घ) क्या राज्य सरकार या अन्य प्राधिकरण अपनी लागत पर भूमि या समतुल्य क्षेत्र के अधिग्रहण और उसके वनरोपण के लिए व्यवस्था करने का दायित्व लेता है।

(3) सलाह देते समय समिति किसी भी गैर-वनीय प्रयोजन के लिए किसी भी वन भूमि के उपयोग पर कोई भी शर्त या प्रतिबंध का सुझाव दे सकती है, जो उसके विचार में प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करेगा।

6. समिति की सलाह पर केन्द्र सरकार की कार्रवाई -

केन्द्रीय सरकार, नियम 5 के अधीन दी गई समिति की सलाह पर विचार करने के पश्चात् तथा ऐसी आगे की जांच के पश्चात्, जिसे वह आवश्यक समझे, प्रस्ताव को शर्तों सहित या बिना शर्तों के अनुमोदन प्रदान करेगी अथवा उसे अस्वीकार कर देगी।

रूप

राज्य सरकारों और अन्य प्राधिकरणों द्वारा प्रस्तावों की धारा 2 के अंतर्गत पूर्व स्वीकृति प्राप्त करने के लिए प्रपत्र।

(नियम 4 देखें)

1. परियोजना विवरण:

(i) प्रस्ताव और परियोजना/स्कीम का संक्षिप्त विवरण जिसके लिए वन भूमि की आवश्यकता है.

(ii) अपेक्षित वन क्षेत्र, समीपवर्ती वन की सीमा तथा विभिन्न प्रयोजनों के लिए अपेक्षित वन क्षेत्र का मदवार विवरण दर्शाने वाला मानचित्र (उप वन संरक्षक के पद से अन्यून अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा).....

(iii) परियोजना की कुल लागत.....

(iv) परियोजना को वन क्षेत्र में स्थापित करने का औचित्य, विचारित विकल्प तथा उनकी अस्वीकृति के कारण.....

(v) वित्तीय एवं सामाजिक लाभ.....

(vi) लाभान्वित कुल जनसंख्या.....

(vii) रोजगार सृजन.....

2. परियोजना/योजना का स्थान:

(i) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र.....

(ii) जिला.....

(iii) वन प्रभाग, वन ब्लॉक, कम्पार्टमेंट, आदि.....

3. परियोजना/स्कीम के लिए आवश्यक कुल भूमि का मदवार विवरण तथा उसका वर्तमान भूमि उपयोग.....

4. सम्मिलित वन भूमि का विवरण:

(i) वन की कानूनी स्थिति (अर्थात् आरक्षित, संरक्षित/अवर्गीकृत, आदि).....

(ii) क्षेत्र में विद्यमान वनस्पतियों और जीव-जंतुओं का ब्यौरा.....

(iii) वनस्पति का घनत्व.....

(iv) वृक्षों का प्रजातिवार एवं व्यास वर्गवार सार.....

(v) वन क्षेत्र की कटाव के प्रति संवेदनशीलता, चाहे वह गंभीर रूप से कटाव वाले क्षेत्र का हिस्सा हो या नहीं.....

(vi) क्या यह राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य, प्रकृति रिजर्व, बायोस्फीयर रिजर्व आदि का हिस्सा है; और यदि हां, तो इसमें शामिल क्षेत्र का ब्यौरा। (मुख्य वन्यजीव वार्डन की विशिष्ट टिप्पणियां संलग्न की जाएंगी).....

(vii) विभिन्न प्रयोजनों हेतु परियोजना/योजना हेतु आवश्यक वन भूमि का मदवार विवरण....

(viii) क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियों और जीवों की दुर्लभ/लुप्तप्राय प्रजातियाँ....

(ix) क्या यह प्रवासी जीवों के लिए आवास है या उनके लिए प्रजनन भूमि है....

(x) प्रस्ताव से संबंधित क्षेत्र का कोई अन्य महत्व.....

5. परियोजना के कारण लोगों के विस्थापन का विवरण:

(i) विस्थापन में शामिल कुल परिवारों की संख्या.....

(ii) विस्थापन में शामिल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति परिवारों की संख्या.....

(iii) विस्तृत पुनर्वास योजना.....

6. प्रतिपूरक वनरोपण योजना का विवरण:

(i) प्रतिपूरक वनरोपण के लिए पहचाने गए गैर-वन क्षेत्र/अवक्रमित वन क्षेत्र का ब्यौरा, निकटवर्ती वनों से इसकी दूरी, पैचों की संख्या, प्रत्येक पैच का आकार.....

(ii) प्रतिपूरक वनरोपण के लिए चिन्हित गैर-वनीय/अवक्रमित वन क्षेत्र तथा समीपवर्ती वन सीमाओं को दर्शाने वाला मानचित्र.....

(iii) विस्तृत प्रतिपूरक वनरोपण योजना जिसमें रोपित की जाने वाली प्रजातियां, कार्यान्वयन एजेंसी, समय-सारिणी, लागत संरचना आदि शामिल होंगी।

(iv) प्रतिपूरक वनरोपण योजना से कुल वित्तीय परिव्यय.....

(v) वनरोपण के लिए तथा प्रबंधन की दृष्टि से प्रतिपूरक वनरोपण हेतु चिन्हित क्षेत्र की उपयुक्तता के संबंध में सक्षम प्राधिकारी से प्रमाण-पत्र। (उप वन संरक्षक के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित).....

(vi) प्रतिपूरक वनरोपण (यदि लागू हो) के लिए गैर-वन भूमि की अनुपलब्धता के संबंध में मुख्य सचिव से प्रमाण पत्र.....

7. ट्रांसमिशन लाइनों से संबंधित विवरण (केवल ट्रांसमिशन लाइन प्रस्तावों के लिए):

(i) ट्रांसमिशन लाइन की कुल लंबाई.....

(ii) वन क्षेत्र से गुजरने वाली लम्बाई.....

(iii) मार्ग का अधिकार.....

(iv) स्थापित किये जाने वाले टावरों की संख्या.....

(v) वन क्षेत्र में स्थापित किये जाने वाले टावरों की संख्या.....

(vi) ट्रांसमिशन टावरों की ऊंचाई.....

8. सिंचाई/जल विद्युत परियोजनाओं का विवरण (केवल सिंचाई/जल विद्युत परियोजनाओं के लिए):

(i) कुल जलग्रहण क्षेत्र.....

(ii) कुल कमांड क्षेत्र.....

(iii) पूर्ण जलाशय स्तर.....

(iv) उच्च बाढ़ स्तर.....

(v) न्यूनतम निकासी स्तर.....

(vi) परियोजना के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले क्षेत्र का विवरण (वन भूमि, कृषि भूमि, चारागाह भूमि, मानव खेती और अन्य).....

(vii) उच्च बाढ़ स्तर पर डूब क्षेत्र.....

(viii) पूर्ण जलाशय स्तर पर डूब क्षेत्र.....

(ix) पूर्ण जलाशय स्तर से 2 मीटर नीचे डूब क्षेत्र.....

(x) पूर्ण जलाशय स्तर से 4 मीटर नीचे डूब क्षेत्र (केवल मध्यम और बड़ी परियोजनाओं के लिए).....

(xi) न्यूनतम निकासी स्तर पर डूब क्षेत्र.....

(xii) जलग्रहण क्षेत्र उपचार योजना का ब्यौरा.....

(xiii) जलग्रहण क्षेत्र उपचार योजना के लिए कुल वित्तीय परिव्यय और धन की उपलब्धता के बारे में ब्यौरा......

9. सड़क/रेलवे लाइनों से संबंधित विवरण (केवल सड़क/रेलवे लाइनों के प्रस्तावों के लिए):

(i) आवश्यक पट्टी की लंबाई और चौड़ाई तथा आवश्यक वन क्षेत्र....

(ii) सड़क की कुल लंबाई....

(iii) पहले से निर्मित सड़क की लंबाई....

(iv) जंगल से गुजरने वाली सड़क की लंबाई.

10. खनन प्रस्तावों से संबंधित विवरण (केवल खनन प्रस्तावों के लिए):

(i) कुल खनन पट्टा क्षेत्र और आवश्यक वन क्षेत्र....

(ii) प्रस्तावित खनन पट्टे की अवधि....

(iii) वन क्षेत्र और गैर-वन क्षेत्र में प्रत्येक खनिज/अयस्क का अनुमानित भंडार....

(iv) खनिज/अयस्क का वार्षिक अनुमानित उत्पादन....

(v) खनन कार्य की प्रकृति (खुली खदान/भूमिगत)....

(vi) चरणबद्ध पुनर्ग्रहण योजना....

(vii) उस क्षेत्र का ढाल जहां खनन किया जाएगा....

(viii) पट्टा विलेख की प्रति (केवल नवीकरण प्रयोजन के लिए संलग्न की जाएगी)....

(ix) नियोजित किये जाने वाले मजदूरों की संख्या....

(x) वन भूमि का आवश्यक क्षेत्रफल

(क) खनन....

(ख) खनिज/अयस्क का भंडारण....

(ग) ओवरबर्डन का डम्पिंग....

(घ) टोल और मशीनरी का भंडारण....

(ई) भवन, बिजली स्टेशन, कार्यशालाओं आदि का निर्माण...

(च) टाउनशिप/आवास कॉलोनी....

(छ) सड़क-रोपवे/रेलवे लाइनों का निर्माण....

(ज) वन क्षेत्र की पूर्ण भूमि उपयोग योजना आवश्यक....

(xi) कारण कि परियोजना के अंतर्गत (क) से (ज) में उल्लिखित कोई भी गतिविधि, जिसके लिए वन भूमि मांगी गई है, वन क्षेत्र के बाहर क्यों नहीं की जा सकती/स्थित नहीं की जा सकती....

(xii) खनन एवं संबंधित गतिविधियों के कारण होने वाली संभावित क्षति की सीमा तथा प्रभावित वृक्षों की संख्या....

(xiii) बारहमासी जलमार्गों, राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और जैवमंडल रिजर्वों से खनन क्षेत्र की दूरी....

(xiv) पुनः उपयोग के लिए ऊपरी मृदा का भण्डारण करने की प्रक्रिया....

(xv) भूमिगत खनन कार्यों में अपेक्षित अवतलन की सीमा तथा जल, वन एवं अन्य वनस्पति पर इसका प्रभाव....

11. लागत-लाभ विश्लेषण....

12. क्या पर्यावरणीय दृष्टिकोण से मंजूरी आवश्यक है (हां/नहीं)....

यदि हां, तो क्या इसके लिए अपेक्षित विवरण प्रस्तुत कर दिए गए हैं? (हां/नहीं)

13. क्या अधिनियम का उल्लंघन करते हुए कोई कार्य किया गया है (हां/नहीं)....

यदि हां,

(i) प्रारंभ की तारीख सहित इसका ब्यौरा....

(ii) अधिनियम के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार अधिकारी....

(iii) दोषी अधिकारियों के विरुद्ध की गई/की जा रही कार्रवाई....

(iv) क्या अधिनियम के उल्लंघन में कार्य अभी भी प्रगति पर है....

14. कोई अन्य जानकारी....

15. संलग्न प्रमाण पत्रों/दस्तावेजों का विवरण....

16. मुख्य वन संरक्षक/संबंधित वन विभाग के प्रमुख की विस्तृत राय जिसमें निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया गया है, अर्थात्:

(i) संबंधित वन भूमि से इमारती लकड़ी, ईंधन-लकड़ी और अन्य वन उपज का उत्पादन;

(ii) क्या जिला इमारती लकड़ी और ईंधन-लकड़ी में आत्मनिर्भर है;

(iii) प्रस्ताव का प्रभाव:

(क) ग्रामीण आबादी को ईंधन-लकड़ी की आपूर्ति;

(ख) जनजातीय एवं पिछड़े समुदायों की अर्थव्यवस्था एवं आजीविका;

(iv) प्रस्ताव को स्वीकार करने या न करने के संबंध में मुख्य वन संरक्षक/वन विभागाध्यक्ष की विशिष्ट सिफारिशें, इसके कारणों के साथ।

प्रमाणित किया जाता है कि इस प्रयोजन के लिए अन्य सभी विकल्पों पर विचार कर लिया गया है तथा अपेक्षित क्षेत्र की मांग वन भूमि की न्यूनतम मांग है।

राज्य सरकार/प्राधिकरण के प्राधिकृत अधिकारियों के हस्ताक्षर।

ध्यान दें: 1. वनस्पतियों और जीवों का विवरण प्रस्तुत करते समय, प्रजातियों का वर्णन उनके वैज्ञानिक नामों से किया जाना चाहिए।

नोट:- यदि ऊपर दिया गया स्थान किसी भी जानकारी को निर्दिष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं है, तो कृपया अलग से विवरण/दस्तावेज संलग्न करें।