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मैकडोनाल्ड्स इंडिया और उसके पूर्व साझेदार विक्रम बख्शी के बीच संयुक्त उद्यम का मामला एनसीएलएटी ने सुलझा लिया है।
मैकडोनाल्ड्स इंडिया और उसके पूर्व साझेदार विक्रम बख्शी के बीच संयुक्त उद्यम, कॉनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स लिमिटेड (सीपीआरएल) का मामला राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा सुलझा लिया गया है।
समझौते का विरोध करने के हुडको के आवेदन को एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण और डॉ. आलोक श्रीवास्तव (सदस्य तकनीकी) ने खारिज कर दिया।
बक्शी द्वारा अपने शेयर मैकडोनाल्ड को हस्तांतरित करने के बाद, अब सीआरपीएल पर 100% स्वामित्व कंपनी का है।
अपने हस्तक्षेप आवेदन के एक भाग के रूप में, हुडको ने बक्शी से 195 करोड़ रुपये की बकाया राशि का दावा किया तथा मांग की कि मैकडोनाल्ड्स द्वारा बक्शी को देय जमा राशि का भुगतान ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) के समक्ष किया जाए।
मैकडोनाल्ड्स, हुडको और बख्शी, हुडको द्वारा 2006 में बख्शी के एस्कॉट होटल्स एंड रिसॉर्ट्स को जारी की गई लगभग 63 करोड़ रुपये की राशि की वसूली पर विवाद कर रहे थे।
ऋण समझौते में कई अन्य प्रतिभूतियां शामिल थीं, जिनमें पुनर्भुगतान के लिए बख्शी और मधुरिमा की गारंटी भी शामिल थी।
आज के निर्णय में न्यायाधिकरण ने कहा कि हुडको को अपना वसूली प्रमाण पत्र जारी रखने का अधिकार है, लेकिन इसका उपयोग बक्शी और मैकडोनाल्ड के बीच हुए समझौते को अस्वीकार करने के लिए नहीं किया जा सकता।