भारतीय दंड संहिता
आईपीसी धारा 159 - दंगा
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर लड़कर सार्वजनिक शांति भंग करते हैं, तो उन्हें दंगा-फसाद करने वाला कहा जाता है।
आईपीसी धारा 159: सरल शब्दों में समझाया गया
आईपीसी की धारा 159 सार्वजनिक दंगे से संबंधित है। यह तब होता है जब दो या दो से अधिक लोग सार्वजनिक स्थान पर लड़ाई करते हैं, जिससे शांति भंग होती है और दूसरों के लिए भय या परेशानी पैदा होती है। यदि सार्वजनिक क्षेत्र में लड़ाई छिड़ जाती है और सामान्य माहौल को बाधित करती है, जिससे आस-पास खड़े लोगों को असुविधा होती है, तो इसे इस धारा के तहत अपराध माना जाता है।
आईपीसी धारा 159 की मुख्य जानकारी
अपराध | कलह |
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सज़ा | एक माह का कारावास या 100 रुपये का जुर्माना या दोनों |
संज्ञान | उपलब्ध किया हुआ |
जमानत | जमानती |
द्वारा परीक्षण योग्य | किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई योग्य |
समझौता योग्य अपराधों की प्रकृति | गैर मिश्रयोग्य |
नोट: दंगा-फसाद की सजा के लिए कृपया आईपीसी की धारा 160 देखें।
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