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केंद्र सरकार द्वारा एक नया विधेयक पेश किया गया - अपीलीय प्राधिकारियों के स्थान पर उच्च न्यायालयों के नाम से संशोधन

19 फरवरी 2021
केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक नया विधेयक पेश किया है - ट्रिब्यूनल सुधार विधेयक, 2021। इस विधेयक में दस क़ानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन शामिल हैं, और इसमें अपीलीय प्राधिकरण को उच्च न्यायालयों से बदलकर उसमें संशोधन का सुझाव दिया गया है। विभिन्न अधिनियमों से पीड़ित नागरिकों को उच्च न्यायालयों में अपील करने का अधिकार है।
नीचे कुछ क़ानून दिए गए हैं जिन्हें उपर्युक्त विधेयक के अंतर्गत संशोधित किए जाने का विचार है:
➔ कॉपीराइट अधिनियम, 1957 - यह विधेयक अपीलीय न्यायाधिकरण की जगह उच्च न्यायालय या वाणिज्यिक न्यायालय लाएगा। विधेयक पारित होने के बाद कॉपीराइट अधिनियम में 'वाणिज्यिक न्यायालय' की परिभाषा शामिल कर दी जाएगी।
➔ पेटेंट अधिनियम 1970, ट्रेडमार्क अधिनियम 1999, सिनेमेटोग्राफी अधिनियम और वस्तुओं के भौगोलिक संकेत अधिनियम 1999 - यह विधेयक उच्च न्यायालयों के साथ आईपीएबी जैसे अपीलीय बोर्ड को समाप्त कर देगा। संबंधित रजिस्ट्रार या सेंसर बोर्ड के निर्णय के विरुद्ध कोई भी अपील उच्च न्यायालय में की जाएगी।
कुछ और अधिनियम, जैसे वित्त अधिनियम, 2017; राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण अधिनियम 2002; पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001; सीमा शुल्क अधिनियम 1962 और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम, 1994; न्यायाधिकरण सुधार विधेयक, 2021।
लेखक: पपीहा घोषाल