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बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में दोनों तरफ से मुद्रित A4 आकार के कागज के अनिवार्य उपयोग की मांग की गई है

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Feature Image for the blog - बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में दोनों तरफ से मुद्रित A4 आकार के कागज के अनिवार्य उपयोग की मांग की गई है

21 मार्च 2021

हाल ही में, बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें महाराष्ट्र के उच्च न्यायालय के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में भी याचिका दायर करने के लिए A4 आकार के कागज़ों के उपयोग को अनिवार्य करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

एडवोकेट अजिंक्य मोहन (अजिंक्य मोहन उड़ाने बनाम रजिस्ट्रार जनरल, बॉम्बे HC) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि सिंगल साइज़ के कानूनी साइज़ के कागज़ के बजाय दोनों तरफ़ छपे A4 साइज़ के कागज़ का इस्तेमाल पर्यावरण के लिए ज़रूरी है। A4 साइज़ से बड़ी संख्या में कागज़ और जगह की बचत होगी; इस प्रकार, कम संख्या में पेड़ काटे जाएँगे। संविधान के अनुच्छेद 51 A (g) के अनुसार, पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। इसके अलावा, विभिन्न HC द्वारा विभिन्न निर्देश और अधिसूचनाएँ जारी की गई हैं, जो दोनों तरफ़ छपे A4 साइज़ के कागज़ों में फाइलिंग की अनुमति देती हैं।

इसी तरह की एक याचिका एडवोकेट सुजय जोशी ने दायर की थी, जिसका प्रतिनिधित्व एडवोकेट अजिंक्य और एडवोकेट रंजीत शिंदे ने किया था। इस याचिका में कोर्ट ने प्रशासनिक पक्ष से संपर्क करने का निर्देश दिया; दोनों अधिवक्ता रजिस्ट्रार जनरल के पास पहुंचे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।

जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला तो एडवोकेट उडाने ने हाईकोर्ट के समक्ष यह याचिका दायर की।

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी: बार्नबेंच