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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि वह बलात्कार पीड़िता से शादी करेगा
मामला : मोनू बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
पीठ: न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह
हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) मामले के तहत बलात्कार के एक आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि वह रिहाई के पंद्रह दिनों के भीतर पीड़िता से विवाह कर लेगा।
इस तथ्य के मद्देनजर कि पीड़िता और उसके पिता को आरोपी की रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं है तथा पीड़िता ने आरोपी के बच्चे को जन्म दिया है, जमानत प्रदान की गई।
आरोपी अप्रैल 2022 से जेल में है और उसने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और पोक्सो अधिनियम की धारा 3 (प्रवेशात्मक यौन हमला) के तहत बलात्कार और अपहरण के मामले में जमानत मांगी थी।
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, पीड़िता, जो घटना के समय सत्रह वर्ष की थी, ने बाद में एक लड़की को जन्म दिया।
आरोपी के वकील ने दलील दी कि उसका मुवक्किल रिहा होने के बाद पीड़िता से शादी करने को तैयार था। उन्होंने आगे कहा कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे, इसलिए शादी करने के लिए भागे थे।
जब पीड़िता और उसके पिता अदालत में पेश हुए तो उन्होंने कहा कि उन्हें आरोपी की रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि वह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह संपन्न कराए।
इसे देखते हुए अदालत ने आरोपी को विभिन्न शर्तों के साथ जमानत दे दी।