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आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी अग्रिम जमानत

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आरोप पत्र दाखिल होने के बाद भी अग्रिम जमानत

11 दिसंबर

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी आपराधिक मामले में आरोप पत्र दाखिल होने और मजिस्ट्रेट द्वारा संज्ञान लेने के बाद भी तथा मुकदमा समाप्त होने तक किसी भी समय अग्रिम जमानत दी जा सकती है।

अग्रिम जमानत के लिए आवेदन धारा 307 और 504 आईपीसी के तहत आवेदक को अग्रिम जमानत देने के उद्देश्य से पुलिस स्टेशन- सिविल लाइंस, जिला अलीगढ़ में दायर किया गया है।

न्यायालय ने सुशील अग्रवाल बनाम एनसीटी राज्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को सशर्त अग्रिम जमानत दी। उच्च न्यायालय ने जमानत देते हुए मुकदमे तक भारत न छोड़ने, पासपोर्ट न्यायालय में जमा कराने, गवाहों को धमकी या प्रलोभन न देने, मुकदमे में सहयोग करने जैसी शर्तें लगाई हैं, जिनका पालन करना होगा।

हाईकोर्ट ने न्यायिक निर्णयों पर विचार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मुकदमा चलने तक अग्रिम जमानत दी जा सकती है।