
20 अप्रैल 2021
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की जेलों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर एक स्वप्रेरणा जनहित याचिका पर सुनवाई की। 47 जेलों में 198 कैदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यह स्वप्रेरणा जनहित याचिका दायर की गई थी।
कोर्ट ने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि 45 साल से ज़्यादा उम्र के कैदियों को तुरंत टीका लगाया जाए। इसके अलावा, बेंच बिना कोर्ट के आदेश के कैदियों को एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने का निर्देश देने पर भी विचार करेगी।
पीठ ने महामारी के दौरान जेलों में भीड़भाड़ कम करने के संबंध में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई द्वारा दायर हस्तक्षेप आवेदन को स्वीकार कर लिया। राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता कुंभकोनी ने भी कई सिफारिशें कीं।
सुनवाई के दौरान दिए गए सुझाव इस प्रकार हैं:
- कोविड की पहली लहर के दौरान हाई पावर कमेटी की गाइडलाइन की मदद से कैदियों को जमानत और पैरोल पर रिहा किया गया था, दूसरी लहर के दौरान भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।
- कोविड-19 की पहली लहर की तरह शिक्षण संस्थानों, खाली पड़े छात्रावासों आदि में अस्थायी जेल स्थापित की जानी चाहिए।
- गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाना चाहिए।
लेखक: पपीहा घोषाल
पीसी: Currentaffair.org