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तिरंगे के नक्शे और अशोक चक्र के डिजाइन वाला केक काटना देशभक्ति या अपमान नहीं है - मद्रास हाईकोर्ट

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22 मार्च 2021

मद्रास हाईकोर्ट ने 2013 में हुई केक काटने की घटना पर मजिस्ट्रेट द्वारा की गई आपराधिक कार्यवाही को खारिज कर दिया। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि तिरंगे के नक्शे और अशोक चक्र के डिजाइन वाला केक काटना देशभक्ति या अपमान नहीं है। "राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक देशभक्ति का पर्याय नहीं है, ठीक वैसे ही जैसे केक काटना देशभक्ति नहीं है।"

पृष्ठभूमि

2013 में क्रिसमस के दिन एक कार्यक्रम में तिरंगे भारतीय मानचित्र और अशोक चक्र वाला 6x5 फीट का केक काटा गया था। इस कार्यक्रम में कोयंबटूर के जिला कलेक्टर, विभिन्न धार्मिक नेता, पुलिस उपायुक्त और एनजीओ के सदस्य शामिल हुए थे। डी सेंथिलकुमार नामक एक व्यक्ति ने केक पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज होने और उसे काटने पर राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत अपराध की शिकायत दर्ज कराई थी।

अवलोकन

ऐसे अन्य मामलों पर विचार करते हुए, न्यायमूर्ति वेंकटेश ने कहा कि देशभक्ति शारीरिक कृत्य से नहीं बल्कि कृत्य के पीछे की मंशा से निर्धारित होती है। समारोह में शामिल होने वाले व्यक्ति द्वारा केक काटकर राष्ट्रीय गौरव को ठेस पहुँचाने की संभावना नहीं है। इसलिए, यह अधिनियम की धारा 2 के तहत अपराध नहीं बनता है।

न्यायालय ने आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का आदेश दिया।

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी: लॉट्रैक्शन इंडिया