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जिला अदालत ने मौलाना की पिटाई और हमला करने के 4 आरोपियों को बरी किया

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5 अप्रैल 2021

हाल ही में, पुणे की एक अतिरिक्त जिला अदालत ने एक मौलाना पर हमला करने के आरोप में धारा 307 के तहत चार आरोपियों को बरी कर दिया, जिन्होंने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर हिंदू देवताओं की अश्लील तस्वीरें साझा की थीं।

पृष्ठभूमि

सरकारी वकील की कहानी के अनुसार, 31 मई 2014 को हिंदू भगवान की कुछ अश्लील और अश्लील तस्वीरें वायरल हुईं, जिससे पुणे में विभिन्न हिंदू-मुस्लिम समूहों के बीच तनाव पैदा हो गया। 1 जून 2014 को मौलाना अपने भाई के साथ मस्जिद के बाहर इंतजार कर रहे थे, तभी आरोपी बाइक पर आए और लकड़ी के लट्ठों से उन पर वार करना शुरू कर दिया। पीड़ित को बिना किसी कारण के पीटा गया; उनका अश्लील तस्वीरों से कोई लेना-देना नहीं था। आरोपियों ने हिंदू-मुस्लिम तनाव के कारण ही पीड़ित की हत्या करने का प्रयास किया।

आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील मिलिंद ने कहा कि आरोपियों को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। पीड़ित ने मुस्लिम समूह के सदस्यों द्वारा दिए गए निर्देशों पर ही शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा, पीड़ित ने स्वीकार किया है कि वह मराठी नहीं समझता है क्योंकि वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। वकील ने तर्क दिया कि शिकायत के अनुसार पीड़ित ने उल्लेख किया है कि आरोपियों ने उसे पीटा क्योंकि उन्हें लगा कि वह अश्लील तस्वीरें साझा करता है जबकि स्वीकारोक्ति के अनुसार पीड़ित मराठी नहीं समझता है।

फ़ैसला

अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए आरोपी को बरी कर दिया गया।

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी: newsd.in