समाचार
बेटे को पहली डिग्री मिलने तक पिता को उठाना होगा खर्च - सुप्रीम कोर्ट

6 मार्च
सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान यह कहा, "स्नातक स्तर को बुनियादी शिक्षा माना जाता है, पिता को अपने बेटे का खर्च न केवल 18 वर्ष की आयु तक बल्कि उसे अपनी पहली डिग्री मिलने तक उठाना होगा।"
2005 में तलाक के बाद फैमिली कोर्ट ने बेटे को गुजारा भत्ता के तौर पर हर महीने 20,000 रुपये देने का आदेश दिया। निचली अदालत के फैसले से व्यथित होकर पिता ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। माननीय हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि वह कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी है और हर महीने 21,000 रुपये कमाता है। इसके अलावा, वह शादीशुदा है (दूसरी शादी) और उसके दो बच्चे हैं। 20 हजार रुपये भत्ते के रूप में दिए जाने से उसका और उसके परिवार का दैनिक जीवन मुश्किल हो जाएगा।
पीठ ने राशि घटाकर 10,000 कर दी, लेकिन हर वित्तीय वर्ष में इसमें 1000 की वृद्धि की जाएगी
.
लेखक: पपीहा घोषाल