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हाईकोर्ट ने तीन हत्या आरोपियों को बरी करने के फैसले को खारिज कर दिया
30 दिसंबर, 2020
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें निचली अदालत ने तीन आरोपियों को बरी करते हुए उन्हें एक साल छह महीने की सजा सुनाई थी। न्यायालय ने कहा है कि आरोपी के गूंगा और बहरा होने से वह निर्दोष नहीं हो जाता।
यह राज्य द्वारा दायर एक अपील है, जिसमें तीनों आरोपियों पर आरोप लगाए गए थे और उन पर धारा 304 (आईपीसी की धारा 34 के साथ पढ़ें) के तहत अपराध के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा मुकदमा भी चलाया गया था।
खंडपीठ ने निष्कर्ष निकाला है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा बरामदगी के संदिग्ध होने की बात पूरी तरह से निराधार है। केवल इसलिए कि आरोपी बहरा और गूंगा है, उसे निर्दोष नहीं माना जा सकता या बरामदगी पर संदेह नहीं किया जा सकता।
लेखक: श्वेता सिंह