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झूठी यौन उत्पीड़न शिकायत दर्ज कराना एक चलन बन गया है - दिल्ली हाईकोर्ट

12 मार्च 2021
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किसी पक्ष को दबाव में लेने या शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज कराना एक चलन बन गया है। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि धारा 354, 354बी, 353डी, 354सी के तहत झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354बी, 353डी के तहत अपराध गंभीर अपराध हैं; ऐसे आरोप उस व्यक्ति की छवि को खराब कर सकते हैं जिसके खिलाफ ऐसे आरोप लगाए गए हैं। ऐसा कृत्य कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
न्यायालय ने दोनों पक्षों द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने के संबंध में एक याचिका पर यह आदेश पारित किया। पक्षों ने दलील दी कि आम दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद मौखिक रूप से मामले को सुलझा लिया गया था और समझौता हो गया था। इसलिए, पक्षों ने एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया।
आपसी समझौते की अनुमति देते हुए, अदालत ने दोनों पक्षों पर 30,000 का जुर्माना लगाया और उन्हें चेतावनी दी कि वे इस तरह के झूठे और तुच्छ मामले दर्ज न करें। यह मामला इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे पक्षकार झूठे आरोप लगाते हैं।
लेखक: पपीहा घोषाल
पीसी - भारत कानूनी