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महिलाओं के लिए सशक्त निर्णय में पत्रकार प्रिया रमानी बरी

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18 फरवरी 2021

कोर्ट ने 17 फरवरी को एमजे अकबर (पूर्व केंद्रीय मंत्री) द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी को बरी कर दिया। यह मामला 15 अक्टूबर 2018 को एमजे अकबर द्वारा उनके खिलाफ #मीटू आंदोलन के दौरान यौन दुराचार के आरोप में दायर किया गया था। प्रिया रमानी सहित कम से कम 20 अन्य महिलाओं द्वारा सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए जाने के बाद उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

दिल्ली की एक अदालत ने 91 पन्नों का फैसला सुनाते हुए कहा, "किसी महिला को यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए मानहानि की आपराधिक शिकायत के बहाने दंडित नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रतिष्ठा के अधिकार की रक्षा महिला के जीवन और सम्मान के अधिकार की कीमत पर नहीं की जा सकती" और उसे "अपनी पसंद के किसी भी मंच पर और दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है"। इस ऐतिहासिक फैसले ने अनगिनत महिलाओं का न्यायपालिका पर भरोसा कायम किया है ताकि वे अपने साथ हुए अन्याय के लिए अपराधियों को जवाबदेह ठहरा सकें।

लेखक: पपीहा घोषाल

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