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कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीबीएमपी को कोविड-19 बेड घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया

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9 मई 2021

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से ब्रुहर बेंगलुरु महानगर पालिका को बेंगलुरु में कोविड बेड घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया। यह तब सामने आया जब भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाए और कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर बेड ब्लॉक करने का खुलासा किया। हालांकि, मामला तब बिगड़ गया जब सूर्या ने अल्पसंख्यक समुदाय के 17 लोगों के नाम पढ़े, जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। सूर्या ने आरोप लगाया कि बीबीएमपी और अस्पतालों के अधिकारियों ने पैसे कमाने के लिए फर्जी नामों से बेड ब्लॉक किए। उन्होंने आगे कहा कि 4,064 से अधिक बेड बुक किए गए थे।

मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने राज्य में कोविड-19 प्रबंधन पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिए। अधिवक्ता जीआर मोहन ने इस घोटाले का संज्ञान लिया था।

बीबीएमपी की ओर से पेश एडवोकेट श्रीनिधि ने कहा कि "मुख्य आयुक्त युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं, हम ऑक्सीजन की कमी या आवश्यकताओं का पता लगाने के लिए वार्ड स्तर पर जा रहे हैं। हम सरकारी अस्पतालों में अतिरिक्त 100 ऑक्सीजन युक्त बेड जोड़ रहे हैं और 233 ऑक्सीजन युक्त बेड वाले प्रसूति अस्पतालों को भी हटा रहे हैं।"

माननीय न्यायालय ने बीबीएमपी को मामले की जांच करने और 11 मई (सुनवाई के अगले दिन) को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट देने को कहा।

लेखक - पपीहा घोषाल

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