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केरल हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर को एनसीसी में भर्ती की अनुमति दी

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15 मार्च 2021

हाल ही में, एक ट्रांसवुमन (नीना हनीफा) ने राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम, 1948 की धारा 6 को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की, जो केवल "पुरुष" और "महिलाओं" को एनसीसी में भर्ती होने की अनुमति देती है।

न्यायमूर्ति अनु शिवरामन ने याचिका स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति अपनी स्वयं की लिंग पहचान के अनुसार एनसीसी में प्रवेश पाने का हकदार है। ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के जीवन और सम्मान के अधिकारों को मान्यता देता है और उनके खिलाफ भेदभाव को रोकता है। इसलिए, एनसीसी अधिनियम ट्रांसजेंडर अधिनियम के संचालन को रोक नहीं सकता है। केरल हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को एनसीसी सीनियर गर्ल्स डिवीजन में नामांकित किया जाना चाहिए और अगर वह चयन प्रक्रिया में सफल होती है, तो उसे एनसीसी में नामांकित किया जाना चाहिए।

न्यायालय ने एनसीसी के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि वह तीसरे लिंग को मान्यता नहीं देता है और ट्रांस लोगों के एकीकरण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करने की जरूरत है। साथ ही न्यायालय ने अगले छह महीनों के भीतर अधिनियम की धारा 6 में संशोधन करने का भी निर्देश दिया।

लेखक: पपीहा घोषाल

न्यू इंडिया एक्सप्रेस