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मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता की बायोपिक पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार
16 मार्च 2021
मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की भतीजी जे दीपा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ' मृत व्यक्ति के निजता के अधिकार को विरासत में नहीं दिया जा सकता।'
दीपा ने अल विजय द्वारा निर्देशित और कंगना रनौत अभिनीत जे जयललिता की बायोपिक थलाइवी पर प्रतिबंध लगाने की अपील की। याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म ने खुद और उनकी मौसी दोनों से संबंधित निजता संबंधी चिंताएँ पैदा की हैं। दीपा ने आगे कहा कि निर्देशकों को फिल्म की स्क्रिप्ट लिखने से पहले उचित अनुमति लेनी चाहिए थी। दीपा ने कहा कि उन्हें डर है कि निर्देशक जयललिता के जीवन को अपने संस्करण में चित्रित कर सकते हैं, जिससे परिवार की निजता प्रभावित होगी। उन्होंने जयललिता के जीवन पर आधारित वेब सीरीज़ क्वीन पर भी प्रतिबंध लगाने की माँग की।
निर्देशक की ओर से काउंसिल ने दलील दी कि फिल्म थलाइवी नामक किताब पर आधारित है। इसके अलावा, जयललिता के जीवन से जुड़ी हर बात हमेशा मास मीडिया पर उपलब्ध थी। इसके अलावा, निर्माताओं ने जयललिता को अच्छे रूप में दिखाया है।
न्यायमूर्ति सुब्बैया और न्यायमूर्ति शक्तिकुमार कुरुप की पीठ ने याचिका खारिज कर दी। दीपा इस आधार पर निषेधाज्ञा की हकदार नहीं है कि प्रतिवादियों की फिल्म द्वारा उसकी चाची के 'मरणोपरांत अधिकार' को धूमिल करने की कोशिश की गई है।
लेखक: पपीहा घोषाल
पीसी- युवा साईं सागर