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एक हिंदू पुरुष और मुस्लिम महिला के बीच विवाह तब तक वैध नहीं होगा जब तक कि महिला ने हिंदू धर्म अपना न लिया हो - पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

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Feature Image for the blog - एक हिंदू पुरुष और मुस्लिम महिला के बीच विवाह तब तक वैध नहीं होगा जब तक कि महिला ने हिंदू धर्म अपना न लिया हो - पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

15 मार्च 2021

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह संपन्न होने से पहले हिंदू धर्म को स्वीकार न करने की स्थिति में हिंदू पुरुष और मुस्लिम महिला के बीच विवाह वैध नहीं होगा।

हाईकोर्ट ने एक अंतरधार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने की याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता 1, 18 वर्षीय मुस्लिम लड़की और याचिकाकर्ता 2, 25 वर्षीय हिंदू लड़के ने प्रतिवादियों की इच्छा के विरुद्ध 15 जनवरी को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह किया। अब, याचिकाकर्ता अपने जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरे की आशंका जता रहे हैं।

न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने नंदकुमार और अन्य बनाम केरल राज्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया और याचिका का निपटारा करते हुए अंबाला शहर के एसपी को याचिकाकर्ताओं की इस शिकायत पर गौर करने और जोड़े की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता संख्या 1 और याचिकाकर्ता संख्या 2 ने हिंदू रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार विवाह किया, जो प्रथम दृष्टया वैध नहीं होगा क्योंकि याचिकाकर्ता संख्या 1 ने हिंदू रीति-रिवाजों और समारोहों के अनुसार विवाह करने से पहले हिंदू धर्म नहीं बदला था। वयस्क होने के कारण युगल को किसी व्यक्ति के साथ और अपनी पसंद के स्थान पर रहने का अधिकार है। दोनों याचिकाकर्ता विवाह की प्रकृति में लिव-इन-रिलेशनशिप और अपने जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के हकदार होंगे।

लेखक - पपीहा घोषाल

पीसी- dnaIndia