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किशोर लड़की से सिर्फ प्यार जताना यौन उत्पीड़न को आकर्षित नहीं करता - पुणे

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हाल ही में विशेष सत्र न्यायाधीश केके जहागीरदार ने कहा कि किशोर लड़की से प्यार जताना मात्र यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत नहीं आता है और आरोपी को बरी कर दिया। आरोपी के कृत्य पर धारा 12 तभी लागू हो सकती है जब उसने यौन इरादे से ऐसा किया हो।

लड़की की मां ने राणे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर अपनी बेटी का पीछा करने, अपहरण करने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है।

25 वर्षीय इंजीनियर छात्र राणे ने 16 वर्षीय लड़की को इन शब्दों में प्रपोज किया, ‘मैं तुम्हें पसंद करता हूं, मैं तुमसे प्यार करता हूं, और मैं तुमसे बिना किसी शारीरिक संपर्क या स्पष्ट यौन संबंधों के शादी करना चाहता हूं।’ राणे और 16 वर्षीय लड़की अच्छे दोस्त थे और सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से बातचीत करते थे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मार्च 2019 में 16 वर्षीय लड़की ने अपनी मां को बताया कि वह बाहर जा रही है। मां ने अपनी बेटी को कार में जाते हुए देखा। पूछताछ करने पर उसे पता चला कि उसकी बेटी निगडी गई थी। वापस आने पर पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि वह राणे के साथ थी और वह महीनों से उसका पीछा कर रहा था। मां ने तुरंत भोसरी एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

मुकदमे के दौरान लड़की ने अपने बयान में बताया कि आरोपी उसे सरप्राइज बर्थडे पार्टी के लिए निगडी ले गया और फिर कार में ही उसे प्रपोज किया। उसने यह भी बताया कि जश्न के दौरान उनके दोस्त भी मौजूद थे।

राणे की ओर से पेश हुए वकील श्रीधर हुद्दार ने दलील दी कि राणे ने अपने प्यार का इजहार किया था, लेकिन उनकी कोई यौन मंशा नहीं थी।

कोर्ट ने पाया कि 16 वर्षीय लड़की ने कार में न तो विरोध किया और न ही चिल्लाया। इसके अलावा, उसने आरोपी के साथ जाने से पहले अपनी मां को सब कुछ बता दिया था। इससे साफ पता चलता है कि आरोपी ने पीड़िता को बिना सहमति के नहीं ले जाया। साथ ही, यह दिखाने के लिए सबूत भी हैं कि दोनों बातें कर रहे थे। कोर्ट ने माना कि तथ्य साफ तौर पर दिखाते हैं कि अभियोजन पक्ष के गवाह कोर्ट के सामने झूठ बोल रहे हैं।


लेखक: पपीहा घोषाल