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तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
12 दिसंबर 2020
तीन किसान कानूनों को चुनौती देते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की गई है।
याचिकाओं की मुख्य दलील यह है कि ये अधिनियम अवैध और मनमाने हैं, क्योंकि ये अधिनियम कृषि उपज के कार्टेलीकरण और व्यावसायीकरण का मार्ग प्रशस्त करेंगे और अगर इन्हें ऐसे ही रहने दिया गया तो हम पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे, हमारे कॉरपोरेट बिना किसी नियमन के कृषि उपज का निर्यात कर सकते हैं और इससे अकाल भी पड़ सकता है।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उक्त कानून कृषि का निगमीकरण करता है तथा अनियमित और शोषणकारी व्यवस्था को जन्म देता है, क्योंकि भारतीय किसान अधिकतर अशिक्षित हैं तथा उनमें सौदेबाजी का अच्छा कौशल नहीं है।
याचिकाकर्ता ने आगे सुझाव दिया कि मौजूदा एपीएमसी प्रणाली को और अधिक पूंजी लगाकर मजबूत करना और न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रभावी प्रबंधन करना भारतीय किसानों के कल्याण और स्थिति में सुधार के लिए समय की मांग है। इसके अलावा, एपीएमसी द्वारा किसानों की सुरक्षा के बिना, बाजार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कॉर्पोरेट लालच के अधीन हो जाएगा।