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सुप्रीम कोर्ट में पक्षपातपूर्ण लिस्टिंग के लिए याचिका खारिज

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सुप्रीम कोर्ट में पक्षपातपूर्ण लिस्टिंग के लिए याचिका खारिज

14 दिसंबर 2020

सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सूचीबद्धता के मामले में उनके और आम आदमी के साथ असमान व्यवहार के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री गैर-पेशेवर गतिविधियां कर रही है।

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन की तीन सदस्यीय पीठ ने उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें रजिस्ट्री पर अनावश्यक खामियां बताने और भेदभाव का आरोप लगाया गया है।

याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने फरवरी 2016 में एक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें “ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य (2002)” के मामले में फैसले पर पुनर्विचार करने और महाराष्ट्र न्यायिक सेवा नियम, 2008 में संशोधन करने की मांग की गई थी। इसके बाद 5 अगस्त को समीक्षा याचिका भी खारिज कर दी गई और उसी दिन क्यूरेटिव याचिका दायर की गई। जब रजिस्ट्री ने कुछ खामियां बताईं, तो याचिकाकर्ता ने उसी दिन सभी खामियां दूर कर दीं। हालांकि, खामियों को दूर करने और रजिस्ट्री से लगातार याचिका दर्ज करने के लिए कहने के बाद भी ऐसा नहीं किया गया।