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भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में किताब रखना कोई अपराध नहीं - कर्नाटक कोर्ट

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हाल ही में कर्नाटक की एक अदालत ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में किताब रखना कानून के तहत वर्जित नहीं है। केवल भड़काऊ अखबारों की कटिंग रखना भी अपराध नहीं है। अदालत ने नक्सलियों से संबंध रखने के आरोपी दो लोगों को बरी करते हुए यह बात कही।

आरोपियों को नक्सलियों को छुपाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह भी आरोप लगाया गया कि दोनों आरोपी भारत की संप्रभुता के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश में शामिल थे। पुलिस ने तलाशी अभियान के दौरान कई अखबारों की कटिंग और भगत सिंह के बारे में एक किताब बरामद की। उन्होंने नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अखबारों की कटिंग भी बरामद की।

आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस द्वारा आरोपी के घर से जब्त की गई वस्तुएं घरेलू वस्तुएं थीं और नक्सलियों की गतिविधियों से संबंधित नहीं थीं।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.बी. जकाती ने अंततः निष्कर्ष निकाला कि स्थानीय चुनावों के बहिष्कार की मांग से संबंधित कुछ लेखन बरामद किए गए, जिसका अर्थ यह नहीं है कि आरोपी नक्सली गतिविधियों में शामिल थे। बरामद की गई सामग्री भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 124-ए (राजद्रोह) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) की धारा 19 और 20 के तहत मामला बनाने के लिए पर्याप्त नहीं थी।

न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया।


लेखक: पपीहा घोषाल

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