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कैदियों के भी मानवाधिकार हैं

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14 नवंबर

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति शशि कांत गुप्ता की खंडपीठ ने बस्ती जेल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बस्ती जिले की जेल की जीवन स्थिति में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बस्ती के सचिव श्री विनय कुमार जायसवाल द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट जिला न्यायाधीश को प्रस्तुत की गई।

रिपोर्ट में बस्ती जेल की दयनीय स्थिति के बारे में बताया गया है। कैदियों की संख्या अधिक होने के अलावा, रिपोर्ट में अन्य कमियों के बारे में भी बताया गया है, जैसे कि स्वच्छता, सफाई, चिकित्सा सहायता, बुनियादी ढांचे की कमी और रोजगार प्रशिक्षण से संबंधित मुद्दे।

अदालत ने कहा कि "यह भी स्थापित है कि कैदियों के भी मानवाधिकार हैं और रिपोर्ट में जो भी आवश्यकताएं बताई गई हैं, वे और कुछ नहीं, बल्कि उपरोक्त अधिकारों के अनुप्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक तत्व हैं।"

लेखक: श्वेता सिंह

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