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सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा शुरू किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में क्विंट के संस्थापक को अंतरिम संरक्षण दिया
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहल की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ शुरू किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मीडिया उद्यमी राघव बहल को अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई तक बहल के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया।
प्रवर्तन निदेशालय का मामला आयकर विभाग द्वारा लंदन में संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किए गए धन का खुलासा न करने के लिए शुरू की गई कार्रवाई से उत्पन्न हुआ। आयकर विभाग ने आरोप लगाया कि वर्ष 2018-2019 के लिए दाखिल आयकर रिटर्न में अनियमितताएं देखी गई थीं। इसी के मद्देनजर ईडी ने बहल के खिलाफ काले धन के तहत कार्रवाई की।
इसके बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बहल के खिलाफ धन शोधन का मामला शुरू किया।
हालाँकि, उन्होंने इस मौजूदा मामले में फिर से फाइलिंग की थी और आयकर विभाग ने उसे मंजूरी दे दी थी। इसलिए, मनी लॉन्ड्रिंग मामले की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसलिए, उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने अंतरिम राहत की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में अपील दायर की।
लेखक: पपीहा घोषाल