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सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों के लिए कल्याण बोर्ड की स्थापना पर जवाब मांगा

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13 अप्रैल 2021

सर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए एक बोर्ड की स्थापना, उनके सामाजिक कल्याण के मुद्दों का समाधान तथा पुलिस द्वारा ट्रांस लोगों के खिलाफ दुर्व्यवहार की रिपोर्टों की जांच के लिए एक स्थायी समिति नियुक्त करने की मांग की गई थी।

अधिवक्ता सीआर जया सुकिन और अधिवक्ता नरेंद्र कुमार वर्मा ने आवास, रोजगार और शिक्षा की तलाश में ट्रांस लोगों द्वारा सामना किए जाने वाले उत्पीड़न पर प्रकाश डाला। भेदभाव के कारण, उनके पास दूसरों की तुलना में कम अवसर हैं। अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सार्वजनिक स्थानों तक उनकी पहुँच सीमित है। ट्रांस एक्ट के बावजूद, ट्रांस लोगों को उन मुद्दों का सामना करना पड़ता है जो आंशिक रूप से संबोधित किए जाते हैं। वे अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं जो कानून के समक्ष समानता और कानूनों से समान सुरक्षा की गारंटी देते हैं। ट्रांस एक्ट में कई विरोधाभास मौजूद हैं। इसलिए, ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड और स्टेशन हाउस अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की एक स्थायी समिति की स्थापना करने की प्रार्थना की जाती है ताकि ट्रांस लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा किए गए घोर दुर्व्यवहार की रिपोर्ट की जाँच की जा सके।

लेखक: पपीहा घोषाल

पीसी: इंडियन फोक

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